जानिए आखिर क्यों चढ़ाया जाता हैं सरसों का तेल ही, शनिदेव को??


प्रिय मित्रों/पाठकों, हमारे धर्म शास्त्रों में शनि ग्रह को अति क्रूर कहा गया है। अशुभ शनि व्यक्ति का जीवन दुखों व असफलताओं से भर देता है। शनि के कुप्रभाव से बचने के लिए हनुमान साधना को श्रेष्ठ कहा गया है। ग्रहों में शनिदेव को कर्मों का फल देना वाला ग्रह माना गया है। शनिदेव एकमात्र ऐसे देव हैं जिनकी पूजा लोग डर की वजह से करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है शनि देव न्‍याय के देवता हैं जो इंसान को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं।
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन हर जगह शनि देव की विशेष पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए सबसे शुभ दिन शनिवार का ही माना जाता है। शनिवार के दिन शनि देव का प्रसन्‍न करने के लिए मंदिरों में और जगह-जगह पर शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाया जाता है। आपने देखा होगा कि एक बाल्‍टी में शनि देव की तस्‍वीर को सरसों के तेल में आधी डुबोकर रखा जाता है।
शनिवार के दिन शनिदेव को तेल चढ़ाने के लिए मंदिर के बाहर लंबी लाइन देखने को मिलती है।

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