देव गुरु बृहस्पति का मकर राशि में गोचर | Asttrolok



 Asttrolokजय गुरुदेव, देव गुरु बृहस्पति हमारी आकाशगंगा के सबसे बड़े और सबसे शुभ ग्रह हैं, ब्रहस्पति हमारे जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण फलों का प्रतिनिधित्व करते हैं।  20 नवंबर 2020 को गुरु अपनी नीच राशि मकर में गोचर कर रहे हैं। गुरु इस वर्ष मे दूसरी बार मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं, पिछली बार मार्च-2020 में गुरु का मकर राशि में गोचर हुआ था परंतु वक्री होकर धनु राशि में वापस गए थे। 


मकर राशि के स्वामी शनि है, गुरु और शनि परस्पर तटस्थ हैंपरंतु मकर राशि देव गुरु बृहस्पति के लिए नीच राशि है, 2009 में पिछली बार देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश किए थे, उस समय हम सभी ने वैश्विक मंदी और व्यापारिक अधोगति को देखा था। उस समय की स्थिति को देखते हुए हम यह आभास कर सकते हैं कि देव गुरु हम सभी के जीवन में कितने महत्तवपूर्ण हैं। देव गुरु हमारे जीवन में बुद्धिमत्ता, ज्ञान, सुख, सन्तान, श्री, ऐश्वर्य के कारक हैं। यही गुरु नीच राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं अतः इस समय प्राकृतिक आपदाओंंयुद्ध सम्यक परिस्थितियांआपातकाल स्थित, मंदी जैसी स्थितियां बन सकती है। 

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शनि और गुरु एक साथ आकर मकर राशि में दो योग भी उत्पन्न कर रहे हैंपहला तो नीच भंग और दूसरा धर्म कर्माधिपति योग, यह योग मीनवृषभ, कर्क लग्न तथा राशियों के लिए शुभ है। इस गोचर मे देव गुरु बृहस्पति अतिचारी गति रहेंगे अर्थात तीव्र गति से इस राशि पार करेंगे और 6 अप्रैल 2021 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, परंतु 19 जून को पुनः वक्री होकर 14 सितंबर 2021 को मकर राशि में पूनः प्रवेश करेंगे, उस समय शनि और बुध भी वक्री रहेंगे अतः उस समय प्रत्येक कार्य मे अत्यधिक विलंब हो सकता हैअंततः गुरु मकर राशि को 21 नवंबर 2021 में छोड़कर कुंभ राशि में पूर्णतः प्रवेश कर जाएंगे। 

कन्या और कर्क राशि के लिए यह गोचर औसत फल देंगे परन्तु मीन राशि के लिए 2021 वर्ष अत्यंत शुभ परिणाम देगा क्योंकि देव गुरु बृहस्पति और शनि मीन लग्न/राशि के लिए एकादश भाव मे गोचर करेंगे जो की इच्छा पूर्ति का स्थान है, और साथ ही राहु तृतीय भाव में गोचर कर रहे हैं। 

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देव गुरु बृहस्पति के कुंभ और मकर राशि के गोचर को अत्यधिक शुभ नहीं कहा जा सकता क्योंकि यहां पर जो भी फल प्राप्त होंगे वह पूर्णतया संतोषजनक नहीं होंगेयदि यहां पर किसी के कार्य पूर्णतया फलित भी हो जाते हैं तो मन में एक असंतोष की भावना रहेगी। इस समय पर प्रारंभ किए गए उद्यम त्वरित फल नहीं देंगे, इस समय दीर्घ अवधि का विचार करके ही निवेश करना उत्तम रहेगा। 

आइए अब चर्चा करते हैं कि सभी राशि/लग्न के जातकों पर इस गोचर का क्या प्रभाव रहेगायहां पर यह ध्यान रखना अनिवार्य है की नीचे दिए गए परिणाम राशि /लग्न पर आधारित है,परंतु पूर्ण फल देखने के लिए कुंडली में स्थित ग्रहों का विचार, महादशाअंतर्दशा का विचार करना अनिवार्य है, अतः योग्य ज्योतिषी द्वारा अपनी कुंडली का आंकलन करवा कर ही गोचर के पूर्ण फल का निर्धारण करें।

 मेष राशि/लग्न

मेष लग्न या मेष राशि के लिए यह गोचर दशम भाव में हो रहा है, गुरु यहां से आपके द्वितीय, चतुर्थ और षष्ठम भाव पर दृष्टि करेंगे। ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती है कि कार्यक्षेत्र में आपका मन ना लगे, धन संबंधी स्थिति मे सुधार होगा, परंतु व्यय की अधिकता रहेगी, घर में धार्मिक कार्य संपन्न होंगे, कुटुंब मे सुख रहेगा, पुराना ऋण चुका सकते हैं, अपने कार्य क्षेत्र मे पूरा मन लगा कर कार्य करें और अवांछित कार्यों से बचें। 

 

उपाय : भगवान विष्णु को ब्रहस्पतिवार  को 12 केले अर्पित करें, शिव लिंग पर जल अर्पित करें, " नमः शिवाय मंत्र"108 जप प्रतिदिन करें। 

 

वृषभ लग्न / राशि :

वृषभ लग्न / राशि के लिए यह गोचर नवें भाव मे हो रहा हैगुरु यहां से आपके लग्न, तृतीय, पंचम भाव पर दृष्टि करेंगे, यहाँ आपके भाग्य कारक शनि पहले से ही उपस्थित हैं, आपके रुके हुए कार्य आगे बढ़ेंगे, स्वास्थ्य मे सुधार आएगा, धन संबंधी समस्या समाप्त होगीवृद्ध जन तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं, सन्तान का सुख प्राप्त होगा या सन्तान से सुख प्राप्त होगा, लंबी दूरी से नई नौकरी का प्रस्ताव सकता है |

 

उपाय : " नमः शिवाय" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, माता काली के दर्शन करें। 

 

मिथुन राशि / लग्न

मिथुन राशि / लग्न के लिए या गोचर अष्टम भाव में हो रहा है, गुरु यहाँ से आपके द्वादश, द्वितीय और चतुर्थ भाव पर दृष्टि करेंगे। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अपने स्वास्थ का ध्यान रखें, कोई भी निर्णय हडबडी मे ना लें, धार्मिक कार्यों मे अरुचि बढ़ सकती है, ईश्वर पर अपनी आस्था बनाएं रखें। अस्पताल/पुलिस स्टेशन की भाग दौड़ आपको थका सकती है, निज संबंधियों से संबंध बिगड़ सकते हैं, आपको अकेले रहना अच्छा लग सकता है, परिवारिक सौहार्द बना कर रखें। 

उपाय : "ॐ नमो नारायण" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, यदि सम्भव हो तो रूद्राभिषेक कराएं अथवा रुद्र पाठ का श्रवण करें, जरूरतमंदों को यथा संभव दान करें, योग, प्राणायाम करें । 

कर्क राशि / लग्न :

कर्क राशि / लग्न के लिए यह गोचर सप्तम भाव में हो रहा है, गरु यहाँ से आपके एकादश, लग्न और तृतीय भाव में दृष्टि करेंगे, जीवन साथी से अनबन सम्भव है, व्यावसाय मे हैं तो अपने सहभागी से संबंध बना कर रखें, विवाह योग्य जातकों के विवाह के योग बनेंगे, नए शुभ योग बनेंगे। 

 उपाय : "ॐ नमो भागवते वासुदेवाय" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, देवी कवच का पाठ/श्रवण करें। 

 सिंह राशि / लग्न :

सिंह राशि /लग्न के लिए यह गोचर षष्ठम भाव में हो रहा है, गुरु यहां से आपके दशम, द्वादश और द्वितीय भाव पर दृष्टि करेंगे, कार्यक्षेत्र में मान सम्मान की हानि हो सकती है, पूर्व की गलतियां आपको समस्या दे सकती है, कार्यक्षेत्र मे असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, अपने पेट / उदर का ध्यान रखें, सन्तान संबंधित चिंता हो सकती है, कोई नया ऋण ले सकते हैं। व्यापार के निर्णय सोच समझ कर लें। 

 

उपाय : "ॐ नमो नारायण" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, अस्पताल मे जरूरतमंदों को यथा संभव दान करें, प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें। 

 

कन्या राशि /लग्न :

कन्या राशि / लग्न के लिए यह गोचर पंचम भाव में हो रहा है, गुरु यहां से नवम, एकादश, प्रथम भाव पर दृष्टि रखेंगे, पात्र दंपति को सन्तान प्राप्ति के योग बन रहे हैं, युवक युवतियों के प्रेम सम्बंध मे छल का सामना करना पड़ सकता है, आय में वृद्धि की संभावना है, भाग्य साथ देगा। खर्च की अधिकता हो सकती है। 

 

उपाय : "ॐ नमो भागवते वासुदेवाय" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, सम्भव हो तो  विष्णु सहस्रानाम का पाठ या श्रवण करें, गाय को हरा चारा दें। 

 

तुला राशि /लग्न :

तुला राशि /लग्न के लिए यह गोचर चतुर्थ भाव में हो रहा है, गुरु यहाँ से आपके अष्टम, दशम, द्वादश भाव पर दृष्टि रखेंगे, घर संबंधित व्यय सम्भव हैं, घर में टकराव की स्थिति बन सकती है, नई नौकरी की स्थिति बन सकती है, ऋण लेने से बचें। 

उपाय : पीले वस्त्र दान करें, ब्रहस्पतिवार को केले का दान करें, "ॐ नमः शिवाय" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, देवी कवच का पाठ /श्रवण करें। 

 

वृश्चिक राशि /लग्न :

वृश्चिक राशि /लग्न के लिए यह गोचर तृतीय भाव मे हो रहा है, गुरु यहाँ से आपके सप्तम, नवम, एकादश भाव में दृष्टि करेंगे, परिवारजनों के सहयोग मे कमी आयेगी, पैसा उधार देने से बचें और बड़े निवेश से भी बचें, माता के स्वास्थ का ध्यान रखें, लेखकों और खिलाड़ियों के लिए समय उचित नहीं है। 

 

उपाय : कुल देवी की उपासना करें, हनुमानजी की आराधना करें, "ॐ नमो नारायण" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें। 

 

धनु राशि /लग्न :

धनु राशि /लग्न के लिए यह गोचर द्वितीय भाव में हो रहा है, गुरु यहां से आपके षष्ठम, अष्टम, दशम भाव में दृष्टि करेंगे, स्वास्थ्य का ध्यान रखे, धन संबंधी निर्णय सोच विचार कर लें, मन मे भय की स्थिति रह सकती है, शत्रु पराजित होंगे, स्वास्थ लाभ होगा, कार्यस्थल के कार्यों मे प्रगति आएगी, जीवनसाथी के स्वास्थ का ध्यान दें, शत्रुओं से सचेत रहें। 

 

उपाय : महामृत्युंजय मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, यदि गुरु मंत्र लिया है तो नित्य जप करें और गुरुवार को यथा संभव व्रत रखें और व्यायाम करें । 

 

मकर लग्न / राशि :

मकर राशि /लग्न के लिए यह गोचर प्रथम भाव में हो रहा है, गुरु यहाँ से आपके पंचम, सप्तम, नवम भाव मे दृष्टि रखेंगे, जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, ग्यानार्जन के लिए समय उपयुक्त है, छोटी यात्रा के संयोग बनेंगे। 

 

उपाय : " नमः शिवाय मंत्र"108 जप प्रतिदिन करें, गुरुवार को 12 केले मंदिर में दान करें। 

 

 

 

कुम्भ राशि / लग्न :

कुम्भ राशि / लग्न के लिए यह गोचर द्वादश भाव में हो रहा है, गुरु यहां से आपके चतुर्थ, षष्ठम, अष्टम भाव पर दृष्टि करेंगे, यह गोचर आपके लिए शारीरिक और मानसिक कष्ट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है, स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है, आपके पुराने रहस्य /झूठ इस समय समस्या उत्पन्न कर सकते हैं या आप लोगों का विश्वास खो सकते हैं, परिवार से अलग थलग रह सकते हैं, बुरी आदतों से दूर रहें। 

 

उपाय : गुरु की सेवा करें, अस्पताल मे यथा संभव दान करें, यदि सम्भव हो तो रूद्राभिषेक करें या रुद्र पाठ का श्रवण करें। 

 

मीन लग्न / राशि :

मीन राशि / लग्न के लिए यह गोचर एकादश भाव में हो रहा है, गुरु यहाँ से आपके तृतीयपंचम, सप्तम भाव पर दृष्टि करेंगे, गुरु और शनि का एकादश भाव आपको पूर्णतया सहयोग करेगा, यह वर्ष आपके लिए ईच्छापूर्ती का है, आपका जीवन एक महत्त्वपूर्ण मोड़ लेगा जो आपके लिए लाभदायक होगा, यह समय नया व्यापार शुरू करने के लिए उत्तम है, वैवाहिक संबंधों के लिए भी यह समय शुभ है, आपकी दूरदर्शाता की सराहना होगी, सन्तान से सुख प्राप्त होगा, नए व्यावसायिक साथी मिलने का भी योग है, छोटे भाई बहन का सहयोग प्राप्त होगा और छोटी यात्राओं से लाभ मिलेगा। 

 

उपाय : " नमो भागवते वासुदेवाय" मंत्र 108 जप प्रतिदिन करें, सम्भव हो तो विष्णु सहस्रानाम का पाठ या श्रवण करें, जरूरतमंदो की सहायता करें। 

 

अपनी कुंडली के अष्टकवर्ग में, मकर राशि पर गुरू को प्राप्त अंक देखें, यदि यह अंक 4 या उससे अधिक है तो फल शुभ होंगे, यदि 3 या कम हैं तो संघर्ष की स्थिति होगी। पुनः दोहराना चाहता हूं कि अपनी कुंडली का आंकलन योग्य ज्योतिषी द्वारा करवा कर ही गोचर के पूर्ण फल का निर्धारण करें।

जय गुरुदेव

Written by - Mukesh Yadav

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